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    दलदल बना शिक्षा का रास्ता, मप्र के सरकारी स्कूलों की पोलखोल

    डॉ. अनवर खान एवं आरिफ कुरैशी ग्राउंड रिपोर्ट पढे़...

    www.mehnatkashkisan.com

    हरणगांव।  यदि आपको मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की हकीकत जाननी हो तो देवास जिले की खातेगांव तहसील अंतर्गत ग्राम हरणगांव के शासकीय हायर सेकेंडरी से अंदाजा लगा सकते है, जो प्रदेश के सरकारी स्कूलों की पोलखोल रही है। आई जाने सच्चाई सरकारी स्कूलों की।

    सरकार एक और जहां शिक्षा पर लाखों करोड़ों के खर्च कर विद्यार्थियों को सुविधा देने में लगी है तथा मुख्यमंत्री स्वयं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं वही गांवो में स्थिति कुछ और ही है । देवास जिले के खातेगांव तहसील के ग्राम हरणगांव में गांव से हाई सेकेंडरी स्कूल तक 2 किलोमीटर का मार्ग कच्चा है जो बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है इन दिनों हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चे कीचड़ व दलदल भरे रास्ते से गुजर कर स्कूल जाने को मजबूर है ।

    छात्रा आफरीन खान, रितेश मीणा ने बताया कि हम 2 वर्षों से हाई सेकेंडरी स्कूल में पढ़ रहे हैं हरणगांव से स्कूल की दूरी 2 किलोमीटर है यहां पर पक्की सड़क नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष बारिश के मौसम में यह मार्ग पूरी तरह से कीचड़ और दलदल में बदल जाता है जिसमें अब पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है । कक्षा 11वी की छात्रा निकिता भलावी, नंदनी व मनीषा  ने बताया कि हम पिछले 3 सालों से इसी स्कूल में पढ़ रहे हैं प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में इस रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ रहता है हमें अपनी चप्पलों को भी हाथ में उठा कर चलना पड़ता है। कक्षा नौवीं की छात्रा ज्योति इवने, सुमिता गुर्जर, भारती धुर्वे व समीन कुरैशी ने बताया कि हाई स्कूल गांव से 2 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है। 

    2 किलोमीटर का यह रास्ता कच्चा होने के कारण बारिश के दिनों में इस रास्ते पर अत्यंत कीचड़ है जिसमें अब पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है कभी-कभी हमारे पिताजी हमें गाड़ी से स्कूल छोड़ने के लिए आते हैं कीचड़ अधिक होने के कारण गाड़ी कीचड़ में ही फंस जाती है । पालक मुकेश मीणा, सत्यनारायण मीणा, जहूर मंसूरी,राजेश धंधारवाला लक्ष्मीनारायण मीणा व हेमसिंह मीणा ने बताया हमारे बच्चे पिछले 2 वर्षों से हाई स्कूल व हाई सेकेंडरी स्कूल में अध्ययनरत हैं हर वर्ष बारिश के दिनों में गांव से स्कूल तक का यह 2 किलोमीटर का कच्चा रास्ता कीचड़ और दलदल में बदल जाता है। 

    गांव से स्कूल की दूरी अधिक होने के कारण कभी कभी हम हमारे बच्चों को गाड़ी से छोड़ने स्कूल जाते हैं लेकिन अब रास्ता इतना खराब हो चुका है कि गाड़ी कीचड़ में ही फंस जाती है कभी-कभी गाड़ी फिसल कर गिर भी जाती हैं, 2 किलोमीटर का यह मार्ग कच्चा होने के कारण यह समस्या में प्रतिवर्ष बारिश के दिनों में रहती है। पालक व छात्र छत्राओं ने बताया कि हम जल्दी्ही इस 2 किलोमीटर के कच्चे मार्ग पर पक्की सड़क की मांग को लेकर मुख्यमंत्री व जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. इसके बाद भी हमारी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो  चक्का जाम करेंगे इस संबंध में प्राचार्य श्री राम राठौर ने बताया कि बारिश के दिनों में इस रास्ते पर प्रतिवर्ष कीचड़ रहता है जिससे बच्चों के साथ ही शिक्षक भी परेशान हैं इस बारे में मेरे द्वारा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करा दिया गया है।

    स्कूल के प्रिंसिपल श्रीराम राठौर ने बताया कि गांव से स्कूल आने वाले सिर्फ एकमात्र रास्ता है। जिसपर बारिश के दिनों में खूब कीचड़ हो जाता है। इस बार भी रास्ता बहुत खराब हो गया है। इसके बारे में मैंने जिला शिक्षा अधिकारी को भी अवगत करा दिया है। कई बार जनप्रतिनिधियों को भी पत्राचार करके बता दिया गया है। उधर जब इसके मामले में जिला शिक्षा अधिकारी हीरालाल खुशाल से बात की गई तो उन्होंने बताया उनके पास अभी स्कूल से कोई शिकायत नहीं आई है। इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

    बच्चों ने दिया तहसीलदार को ज्ञापन

    आखिरकार कहीं भी सुनवाई नहीं होने पर स्कूल के छात्र-छात्रओं ने सड़क बनवाने के लिए मोर्चा खोल दिया है। वह तहसील पहुंचे और उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने मांग की है कि स्कूल तक पहंुचने वाले दो किलोमीटर सड़क को बनाया जाए। अगर उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो वह देवास जाकर कलेक्टर से भी मांग करेंगे। वहां भी सुनवाई नहीं हुई तो भोपाल पहुंचकर सीएम से मिलेंगे।


    इनका कहना है...

    मैंने स्कूल पहुंच मार्ग की खस्ताहाल स्थिति के बारे में कई बार डीईओ साहब को अवगत करा दिया है।

    श्रीराम राठौर, प्रिंसिपल, हायर सेकंडरी स्कूल, हरणगांव

    इनका कहना है...

    हमारा काम सड़क बनाने का नहीं है। मैं इस मामले में कुछ नहीं कर सकता है। शासन-प्रशासन इसकी खबर ले। प्रिंसिपल इसके बारे में पत्राचार करें।

    हीरालाल खुशाल, डीईओ, देवास

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