Header Ads

ad728
  • Breaking News

    भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने अपने 50वें स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाया



    डॉ अनवर खान, एमके 

    भोपाल. भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने अपने 50वें स्थापना दिवस को भव्य रूप से मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (भा.कृ.अनु.प.), नई दिल्ली के उपमहानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. एस.एन. झा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें भा.कृ.अनु.प. के पूर्व उपमहानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. नवाब अली, पूर्व सहायक महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. आर.पी. कचरू, सहायक महानिदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. के.पी. सिंह, आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल के निदेशक डॉ. ए.के. सान्याल, आईसीएआर-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई के निदेशक डॉ. एस.के. शुक्ला, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल के निदेशक डॉ. एस.के. दत्ता, मध्य प्रदेश सरकार के कृषि अभियांत्रिकी निदेशक श्री पी.एस. श्याम, तथा केंद्रीय कृषि यंत्र प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान, बुधनी के निदेशक डॉ. पी.पी. राव शामिल थे।

    कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. सी.आर. मेहता द्वारा अतिथियों के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुआ। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए फार्म मशीनरी विकास, कृषि प्रसंस्करण, कृषि ऊर्जा, सिंचाई जल प्रबंधन, और किसानों व शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संस्थान के योगदान पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने संस्थान की स्थापना से अब तक की यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया और कृषि अभियांत्रिकी क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा की।

    मुख्य अतिथि डॉ. एस.एन. झा ने अपने संबोधन में भारतीय कृषि के सतत विकास और खाद्य सुरक्षा में संस्थान की भूमिका की सराहना की। उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक कृषि अभियंता की नियुक्ति की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि किसानों को कृषि मशीनीकरण, कृषि प्रसंस्करण, सिंचाई जल प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में उचित मार्गदर्शन मिल सके। उन्होंने वैज्ञानिकों से समर्पित रूप से कार्य करने का आग्रह किया और वरिष्ठ वैज्ञानिकों से युवा शोधकर्ताओं का मार्गदर्शन व सहयोग करने की अपील की। साथ ही, उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों और स्नातकोत्तर छात्रों के साथ संवाद भी किया।

    पूर्व उपमहानिदेशक डॉ. नवाब अली ने अपने अनुभव साझा करते हुए सोयाबीन के पोषण संबंधी महत्व को रेखांकित किया, जबकि डॉ. के.पी. सिंह ने कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने और भारतीय कृषि के समग्र विकास में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर एक सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान में 25 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, नवाचारी किसानों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने उच्च रेटिंग पत्रिकाओं में शोध पत्र प्रकाशित किए या नवीन तकनीकों का व्यावसायीकरण किया।

    इसके बाद डॉ. एस.एन. झा और अन्य गणमान्य अतिथियों ने संस्थान में विकसित नवीनतम तकनीकों और नई सुविधाओं की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम का समापन एआईसीआरपी (एफआईएम) के परियोजना समन्वयक डॉ. के.एन. अग्रवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। संस्थान का 50वां स्थापना दिवस कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में संस्थान की निरंतर प्रगति और नवाचारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर रहा।


    No comments

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728