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    चीकू वृक्षों की प्राकृतिक छाया में पर्यावरण कृषि यांत्रिक कृषि वानकी उद्योग एवं फल प्रस्सकरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला


    पीएस राजपूत, एमके न्यूज 

    हरदा। जिले की टिमरनी तहसील के गांव कुहीग्वाडी में स्थित मोहिनी एग्रो हर्बल प्रा लि के तत्वावधान में नर्सरी के चीकू वृक्षों की प्राकृतिक छाया में पर्यावरण कृषि यांत्रिक कृषि वानकी उद्योग एवं फल प्रस्सकरण  विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। कार्यशाला में श्री व्ही आर खरे सेवा निवृत प्रमुख वन संरक्षक भोपाल डा एस पी सिंह कृषि वैज्ञानिक आईसीआई आर नवी बाग भोपाल  श्री एच आर सगर प्रक्षेत्र विस्तार अधिकारी फल अनुसंधान केंद्र ईटखेडी भोपाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे। 

    इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री व्ही आर खरे ने कहा कि वनस्पति प्रकृति के गहने है। इस कारण पर्यावरण की दृष्टि से पेड नहीं काटना चाहिए। किसान जब भी पेड लगाते समय हमेशा पूर्व से पश्चिम की दिशा में कतारबद्ध लगाये ताकि पेड़ों की छाया से किसानों की फसल प्रभावित न हो। उन्होंने आगे बताया कि किसान अपने खेत से उत्पादित चीजों का समूह बनाकर प्रस्शकरण प्लांट लगाकर अच्छे दाम ले सकता है। सरकार की तरफ से अनेक सुविधाएं हैं। 

    श्री सगर ने कहा कि किसान जितनी मेहनत करता है उसे उतना लाभ नहीं होता है। इसलिए आय को बढाने के लिए खेती के साथ पशुपालन उद्यानिकी बागवानी भी अपने खेतों के कुछ हिस्सों में अपना कर अधिक लाभ कमा सकते हैं।। इसके लिए भी सरकार की ओर से अनेक सुविधाएं हैं। 

    डा एसपी सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि हर चीज में मूल्य संवर्धन है। सोयाबीन से दूध बनाना गेहूं से आटा अरहर से दाल बनाना भी मूल्य संवर्धन है। किसान के से में यह सब पैदा होती है पर आज मूल्य संवर्धन व्यापारी कर रहा है। उन्होने यह भी जानकारी दी कि क्लीयर हार्ड दवा बाजार है उसमें लहसुन नीबू रस शहद जामुन सिरका होता है। किसान के खेत में ये सभी चीजें उपलब्ध है आवश्यकता है किसान अपने नवयुवकों को आगे लाकर इस तरह के खाद्य प्रसंस्करण को अपनाकर  खेत में उत्पादित हर चीज में मुल्य संवर्धन कर सकता है। 

    आरंभ में जिले के उन्नत कृषक संजय सिंह कुशवाह नागाबोधा पौधा रोपण और तेल निकालने की प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री कुशवाह ने बताया कि उन्होनें प्लांट लगा रखा है। जिले में इसको बढावा देने के लिए उन्होने कहा कि किसान नागाबोधा लगाकर कच्चा माल प्लांट में दे सकता है। अंत में श्री बद्री प्रसाद सांगवा ने सभी का आभार माना मंच का संचालन भागवत सिंह राजपूत द्वारा किया।

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