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    जिले के धान खरीदी केंद्रों में भारी अनियमितता किसानों को लूट रहे हैं खरीदी प्रभारी


    ज्यादातर खरीदीं केंद्रों में किसानों के लिए न बैठने की,न अलाव की न पानी की है 

    हम्मामों और मजदूरों के द्वारा होती है लूट,तौल से लेकर धान फीडिंग तक लगता सुविधा शुल्क 

    ज्यादातर खरीदीं केंद्रों में पैसे लेकर टोकन तक बेचें जातें हैं जो पहले आते हैं उनका नंबर पांच दिन बाद आता, जिससे किसानों को देना पड़ता है परिवहन का अतिरिक्त भाड़ा  

    न नोडल अधिकारियों का पता न तो तहसीलदारों का अता पता वातानुकूलित कमरों में बैठकर करतें हैं मनीटरिंग 

    डॉ अनवर खान एमके न्यूज

    भोपाल म.प्र.के भारतीय किसान यूनियन टिकैत के प्रदेश प्रवक्ता विश्वनाथ पटेल चोटीवाला रीवा जिले के धान खरीदी केंद्रों में लगातार निगरानी कर रहे और हर धान खरीदी केंद्रों में जाकर किसानों से बारीकी से जानकारियां जुटा रहे हैं,13/12/2024 को क‌ई धान खरीदी केंद्रों का दौरा किया जिसमें कुछ केद्रों में व्यवस्था चुस्त दुरुस्त पायी गई लेकिन कुछ एक धान खरीदी केंद्र बरहदी क्र.02 ऐसा भी है जहां पर भारी अव्यवस्था देखने को मिली,श्री चोटीवाला ने तुरंत फोन कर अनुविभागीय अधिकारी रायपुर कर्चु.को अव्यवस्था से अवगत कराया,बरहदी क्र.02 में भारी मात्रा में धान से लदे ट्रैक्टर धान खरीदी केंद्र के अंदर खड़े मिलें और बाहर टू लेन सड़क में सैकड़ों धान से लदे टैक्टर देखने को मिले तथा खरीदी बंद पाई गई. 

    जब खरीदी प्रभारी से बातचीत की गई तो उन्होंने धान का न उठाव होने हवाला देकर बहाना बनाते दिखे यद्यपि श्री चोटीवाला ने व्यवस्था ठीक करने के लिए प्रभारी को फटकार भी लगाई और जाकर किसानों से जानकारी ली तो पता चला कि दो दिन से यहां पर खरीदी नहीं हुई है खरीदी गई धान का उठाव नहीं होने से यह अव्यवस्था देखने को मिली और तो और यहां तो खरीदी केंद्र के अंदर तौल के लिए टैक्टर प्रवेश कराने की सुविधा शुल्क लगती है हर किसान किराये का टैक्टर लेकर धान खरीदी केंद्र लाता है और उसे दो से तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता है,तो उसे टैक्टर का अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ता है चारों तरफ से किसान को लूटा जा रहा है।

    ऐसे चलता है पैसों का खेल

    ज्यादातर खरीदी प्रभारी धान के तौल का पैसा सीधे किसानों से प्रति बोरी 04 से 05 रुपये मजदूरों का दिलवाते हैं जो पैसा शासन से मजदूरों के लिये आता वह सीधे हजम कर जाते हैं  शासन स्तर से आने वाला मजदूरों का मजदूरी का पैसा किसी फर्जी मजदूर के खाते में डालकर आहरण कर लेते हैं। खरीदी प्रभारी किसानों की धान की तौल में जानबूझकर देरी की जाती है, जिससे किसान परेशान होकर प्रति ट्राली एक हजार रुपये देता है।

    किसानों की धान तौल के समय मजदूरों से 40.500 कि.ग्रा.के बजाय सीधे 41 से 42 कि.ग्रा.तक लेते हैं यदि कोई किसान इसका विरोध करता है उस धान को खराब बताकर वापस कर देते हैं। ज्यादातर धान खरीदी केंद्र में एक कि.ग्रा.धान प्रति किसान से प्रति ट्राली से सेंपल के लिए लिया जाता है। कुछ धान खरीदी केंद्र के प्रभारी इलेक्ट्रॉनिक कांटे में भी एक दो माइनस में सेटिंग करा लेते हैं 

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रीवा जिले का एक ऐसा संवेदनशील खरीदी केंद्र श्री इंटरप्राइजेज वेयर हाउस सौर है जहा पर खरीदी केंद्र के अंदर किसानों का धान से लदे टैक्टर को अंदर प्रवेश कराकर दो तीन दिन तक खड़ा करा कर रखे रहते हैं किसानों को वहां भगा दिया जाता है रात में टैक्टर के डीजल की चोरी की जाती है और तो और प्रति टैक्टर से एक दो बोरी धान गायब किया जाता है यदि कोई किसान इसका विरोध करता है उसके साथ मारपीट तक की जाती है और उसकी धान तौल के समय 45 कि.ग्रा.जबरन लिया जाता है ये धान खरीदी केंद्रों की सच्चाई।

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