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जस्ट आस्क/खुलके पूछो": युवाओं को उनके स्वास्थ्य और अधिकारों के बारे में जानकारी देकर सशक्त बनाने वाला एक चैटबॉट
डॉ अनवर खान, एमके न्यूज़
भोपाल. आज मध्य प्रदेश सरकार और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने "खुल के पूछो" चैटबॉट लॉन्च किया है। "जस्ट आस्क/खुलके पूछो" एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है, जिसे किशोरों और युवा वयस्कों के मुद्दो जैसे यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार (एसआरएचआर) सामाजिक मुद्दों पर सही एंव सुलभ जानकारी देने के लिए विकसित किया गया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी और यूएनएफपीए के भारत प्रतिनिधि सुश्री एंड्रिया एम. वोज्नार ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम में "खुल के पूछो" चैटबॉट का अनावरण किया।
'जस्ट आस्क' डिजिटल एंगेजमेंट प्लेटफॉर्म के साथ उपयोगकर्ता के बड़े होने, शारीरिक परिवर्तन, यौवन, मासिक धर्म, प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था, परिवार नियोजन, लिंग पहचान, यौन अभिविन्यास,मानसिक स्वास्थ्य और अन्य एसआरएचआर विषयों से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं। चैटबाट उपयोगकर्ताओं को इंटरैक्टिव वार्तालापों में जोड़ते हुए उन्हें सटीक और विश्वसनीय जानकारी नि:शुल्क प्रदान करेगा । उपयोगकर्ताओं के अनुभव को सुरक्षित, वैयक्तिक, बहुभाषी और सहानुभूतिपूर्ण बनाने के लिए बनाया गया है, जिसमें दो महत्वाकांक्षी रोल मॉडल ध्रुव और दृष्टि हैं, जो सरल और विश्वसनीयता के साथ जानकारी साझा करते हैं।
'खुल के पूछो' चैटबॉट में सामग्री सरल, आकर्षक इन्फोग्राफिक्स द्वारा समर्थित है, जो सामान्य समझ को बढ़ाती है और उपयोगकर्ताओं को आसानी से निर्देशों का पालन करने में सक्षम बनाती है। इसके अलावा, 'खुल के पूछो' चैटबॉट किशोरों और युवाओं को किशोर अनुकूल स्वास्थ्य क्लीनिक (एएफएचसी), सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं और हेल्पलाइन से जोड़ता है।
माननीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, मध्य प्रदेश श्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि यह मध्यप्रदेश में एक नया नवाचार है। इसके माध्यम से 15 से 25 वर्ष के वयस्कों में नये-नये विचार आते हैं जो वो अपने माता-पिता या अभिभावकों से पूछ नहीं पाते हैं, ऐसे तमाम जिज्ञायासाओं और जरुरत के सवालों को चैटबाँट से खुलकर पूछ सकते हैं। यह युवाओं के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक का कार्य करेगा।
इस लांच इवेंट में, यूएनएफपीए भारत और भूटान की प्रतिनिधि एंव कंट्री डायरेक्टर सुश्री एंड्रिया वोज्नार ने परियोजना के प्रति यूएनएफपीए की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा: “युवाओं और युवतियों को सुरक्षित और गैर-न्यायिक स्थानों की आवश्यकता होती है, जहां वे सही और विश्वसनीय जानकारी के माध्यम से सशक्त और शिक्षित हो सकें। इस चैटबॉट के माध्यम से सामाजिक और व्यक्तिगत मुद्दों विभिन्न शारीरिक परिवर्तनों, मासिक धर्म, प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था, परिवार नियोजन, और अन्य एसआरएचआर विषयों से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किये जा सकते हैं। यही कारण है कि चैटबॉट महत्वपूर्ण है जो भावी पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैमाने और विविधता पर एक डिजिटल रूप से आगे की अवधारणा प्रदान की गयी है। उन्होंने आगे कहा कि 'खुल के पूछो' चैटबॉट "संचार के सबसे लोकप्रिय तरीके का उपयोग करते हुए, यह सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य और कल्याण सचमुच युवा लोगों की उंगलियों पर रहे।"
मो. सुलेमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव, लोक स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश शासन ने कहा कि 'खुल के पूछो' मध्यप्रदेश को पहला चैटबॉट, जो समावेशी और आसानी से प्रयोग किया जाने वाला साधन है, जो समय के साथ युवाओं को सबसे विश्वसनीय मददगार साबित होगा।
डा. सुदाम पी खाडें, स्वास्थ्य आयुक्त, मध्य प्रदेश ने कहा कि 'खुल के पूछो' चैटबॉट वर्तमान समय की आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। साथ ही युवाओं और किशोरों के स्वास्थ्य सम्बन्धित प्रश्नों के सही-सही उत्तर प्रदान करेगा।
सुश्री प्रियंका दास, मिशन निदेशक. एनएचएम, मध्यप्रदेश ने कहा कि हम किशोरों और युवाओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तकनीकि और सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने के लिए प्रतिबध्द हैं। 'खुल के पूछो' चैटबॉट किशोंरो और युवाओं के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होगा।
यूएनएफपीए और मध्य प्रदेश सरकार खुल के पूछो डिजिटल एंगेजमेंट प्लेटफॉर्म के विकास में योगदान देने वाले उपयोगकर्ताओं, हितधारकों और भागीदारों के प्रति आभार व्यक्त करती है। यह पहल एसआरएचआर और सामाजिक मुद्दों में सूचना अंतर को कम करने, युवाओं को उचित निर्णय लेने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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