अंतर्राष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के अवसर पर सोयाबीन प्रसंस्करण और उपयोग पर उत्कृष्टता केंद्र का आयोजन
इस क्षेत्र प्रदर्शन कार्यक्रम की शुरुआत में वैज्ञानिक डॉ. समलेश कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं को साबुत सोयाबीन बीज, सोया और सोया दूध आधारित खाद्य पदार्थों के पोषण महत्व के बारे में बताया। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को सोया आधारित खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न सोया आधारित खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन किया गया जैसे सोया भुने और तले हुए मेवे, चकली, लड्डू, बिस्किट, सोया दूध से बने खाद्य उत्पाद जैसे सोया स्वाद वाला दूध, श्रीखंड, टोफू।
क्षेत्र में विभिन्न सोया आधारित खाद्य उत्पाद तैयार किए गए और पेश किए गए जैसे टोफू, सुगंधित सोया दूध, ओकारा पकोड़ा। ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर युवा लड़कियों ने सोयाबीन प्रशिक्षण में भाग लेने और सोयाबीन खाद्य उत्पादों की तैयारी के बारे में सीखने में गहरी रुचि दिखाई।
डाॅ. हर्षा वाकुडकर ने फसल अवशेषों से टिकाऊ ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के बारे में बताया जिनका उपयोग आज के जीवन में किया जा सकता है और लगभग 4:00 बजे कार्यक्रम समाप्त हुआ।
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