विश्व खाद्य दिवस का आयोजन
भोपाल। आई.सी.ए.आर-सी.आई.ए.ई के कृषि उत्पाद प्रसंस्करण प्रभाग ने चित्रांश विद्यालय, करोंद और आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय, भोपाल के सहयोग से विश्व खाद्य दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया।
चित्रांश विद्यालय, करोंद में आयोजित इस कार्यक्रम में 150 से अधिक छात्रों और 20 शिक्षकों ने सक्रिय भाग लिया। इसके अलावा, आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय से 30 से अधिक संकाय सदस्य, 250 छात्र और 100 से अधिक किसानों ने भी इसमें भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, पोषण, और टिकाऊ कृषि के प्रति जागरूकता बढ़ाना था, जो इस वर्ष के विश्व खाद्य दिवस की थीम पर आधारित था।
आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय अग्रवाल ने खाद्य दिवस की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डॉ. के सी पाण्डेय, डीन, विश्वविद्यालय ने सबका स्वागत किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. एम.के. त्रिपाठी,प्रधान वैज्ञानिक ने मोटे अनाज (मिलेट्स) पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने व्याख्यान में मोटे अनाज के पोषण संबंधी लाभों, खाद्य सुरक्षा में उनके योगदान, और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में उनकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. त्रिपाठी, ने मोटे अनाज आधारित आहार को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए इसके बढ़ावे पर जोर दिया।
इसके अलावा, आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय में डॉ. समलेश कुमारी ने सोयाबीन के उद्यमिता में योगदान पर व्याख्यान दिया। उनके व्याख्यान ने छात्रों और किसानों को सोयाबीन की खेती और इसके प्रसंस्करण से जुड़े व्यावसायिक अवसरों के बारे में जागरूक किया।
इस कार्यक्रम में इंटरैक्टिव सत्र, प्रदर्शनियाँ, और व्यावहारिक प्रदर्शनों का आयोजन किया गया, जिनका उद्देश्य छात्रों और किसानों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों, खाद्य प्रसंस्करण के नवाचारों, और खाद्य सुरक्षा में समुदाय की भूमिका के बारे में जागरूक करना था।यह संयुक्त आयोजन सीआईएई, चित्रांश विद्यालय और आर.के.डी.एफ. विश्वविद्यालय के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को दर्शाता है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए खाद्य प्रणालियों में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में प्रेरणा देता है। छात्रों ने कई खाद्य प्रदर्शनी भी लगाई जिसमें उनको पुरस्कृत भी किया गया।
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