गरजे बादल, गिरा मावठा
कहीं कहीं हल्के ओले गिरने की खबर
किसानों की बढ़ी चिंता, खेतों में खड़ी पकी हुई फसल
कपिल सूर्यवंशी, एमके न्यूज
सीहाेर। बीते एक सप्ताह से मौसम में बदलाव देखा जा रहा था, आसमान पर बादल छाये हुए थे, मंगलवार को शाम चार बजे से करीब आधा घंटे तक जिले के कई हिस्सों में हल्की बरसात हुई है, इसके साथ ही कहीं कहीं चने के आकार के ओले गिरने के भी समाचार है, इसी के साथ तापमान में उतार चढ़ाव जारी है, वहीं दूसरी ओर मौसम में आए बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है।
गौरतलब है कि मौसम में आए बदलाव के कारण से आसमान पर बादल छाए हुए हैं, हल्की बरसात दर्ज की गई है। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है, करीब एक सप्ताह पूर्व तापमान में बढ़ोत्तरी होने के कारण से गर्मी का अहसास हो रहा था, सुबह शाम के समय भी लोग गर्म कपड़े कम ही पहने हुए नजर आ रहे थे, लेकिन फिर मौसम में बदलाव हुआ है। बेमौसम हुई बरसात से मौसम में ठंडक बढ़ गई है।
मावठे साथ गिरे ओले
मंगलवार को जिले के कई हिस्सों में मावठे की बरसात हुई है, इसमें श्यामपुर तहसील के ग्राम चांदबढ़ जागीर, महुआखेड़ा, मान पुरा, मुंगावली, दोराहा सहित कुछ अन्य ग्रामों में चने के बराबर ओले गिरने के भी समाचार मिले हैं, वहीं मावठे की बरसात के बाद मौसम में ठंडक बढ़ गई है, बार बार बदल रहे मौसम के कारण से मौसमी बीमारियों में लगातार इजाफा हो रहा है।
अभी 24 घंटे और रहेगा संकट
मौसम विशेषज्ञ की माने तो जिले में 24 घंटे तक ऐसा ही मौसम रहेगा, आसमान पर बादल छाये रहेंगे। और कहीं कहीं ओलों के साथ मावठे की हल्की बरसात हो सकती है, शहर के आरएके कालेज के मौसम विशेषज्ञ एसएस तोमर ने बताया कि बीते 24 घंटों में जिले का तापमान अधिकतम 26.5 डिग्री एवं रात का तापमान 15.5 डिग्री दर्ज किया गया है। बीते तीन दिनों से तापमान में उतार चढ़ाव की स्िथति बन रही है, जहां दिन के तापमान गिरावट दर्ज की जा रही है तो वहीं रात के तापमान में बढ़ोत्तरी हुई है।
फसलों पर पड़ सकता प्रभाव
बेमौसम हो रही मावठे की बरसात और ओलों के कारण से किसानों की चिंता बढ़ गई है, जिन किसानों ने चना और गेहूं की बोवनी कर दी थी, ऐसी फसलें यातो कटी हुई खेतों में पड़ी हुई हैं, या फिर कट रही हैं, बरसात के कारण से फसल भींगने के कारण से फसल के दानों की चमक कम हो जाती है, इससे किसानों काे उचित दाम नहीं मिल पाते हैं, वहीं किसानों का कहना है कि तेज हवा चलने के कारण से खेतों में खड़ी गेहूं की फसलें आड़ी हो गई हैं, इससे उत्पादन भी प्रभावित होगा।
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