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    अव्यवस्थाओं की सीहोर मंडी, अन्नदाता परेशान, विश्रामगृह में ताले

     


    गर्मी, धूप से परेशान अन्नदाता और विश्राम गृह में जड़े ताले

    मंडी में गेहूं चना की आवक शुरू, अव्यवस्थाओं का लगा अंबार

    कपिल सूर्यवंशी, एमके न्यूज़

    सीहोर। जिले में इस बार गेहूं का रकबा बढ़ा है, इससे गेहूं के बंपर उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है। कृषि उपज मंडियों में गेहूं और चने की आवक शुरू हो गई है। अच्छे दाम मिलने के कारण देखने में यह आ रहा है कि समर्थन मूल्य की अपेक्षा किसान सीधे मंडियों में उपज बेचना पसंद कर रहे हैं। मंडियों में किसान से टैक्स ले रहे हैं, लेकिन किसानों के सुविधाओं का टोटा है। स्िथति यह है कि  किसान मंडियों में उपज बेचने के लिए आते हैं तो उन्हें गर्मी धूप में परेशान होना पड़ता है, जबकि मंडी में बने किसान विश्राम गृह में ताले जड़े हुए हैं।


    गौरतलब है कि रबी की फसल की कटाई शुरू हो गई है, जिन किसानों ने जल्द बोवनी की थी वह उपज तो मंडियों में पहुंचने लगी है, किसानों का कहना है कि  करीब एक सप्ताह के बाद से मंडियों में उपज की आवक में और बढ़ोत्तरी हो जाएगी, सीहोर कृषि उपज मंडी जिले की सबसे बड़ी उपज मंडी है, यहां का सरवती गेहूं पूरे देश में एक अलग पहचान रखता है, लेकिन मंडी के हाल बुरे हैं, यहां अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। रोजाना सीहोर मंडी में 10 हजार क्वंटल गेहूं और चने की आवक हो रही है, आगामी दिनों आवक और बढ़ेगी। लेकिन किसानों के लिए यहां कोई सुविधा नहीं है।

    प्याऊ की नहीं हुई वर्षों से सफाई

    पानी की टंकियों की नहीं होती सफाई

    कृषि उपज मंडी में अपनी उपज बेचने आने वाले किसानों के लिए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वहीं मंडी परिसर में जो पानी की टंकियां बनी हुई हैं, उनकी भी समय पर साफ सफाई नहीं हो रही है। जिनमें गंदगी जमी रहती है। किसान और मंडी में काम करने वाले तुलावट और हम्माल टंकियों से पानी पीने के लिए विवश हैं, जबकि किसान कई बार मांग कर चुके हैं कि मंडी परिसर में वाटर कूलर लगाया जाना चाहिए। इससे किसानों को इसलिए किसानों को स्वच्द पानी पीने के लिए मिल सके।


    हम्मालों के लिए नहीं कक्ष

    कृषि उपज मंडी सीहोर में बड़ी संख्या में हम्माल कार्य करते हैं,  खासतौर पर रबी के सीजन में गर्मी अिधक रहती है, इस दौरान हम्मालों के लिए मंडी परिसर में कोई कक्ष नहीं है, जहां पर बैठकर वह कुछ देकर सुस्ता लें, या फिर बैठकर भोजन ले सकें। हम्माल संघ के पदाधिकारी सुरेश सूर्यवंशी ने बताया कि हम्मालों को बरसात और गर्मी के दिनों में काफी मुश्िकलों का सामना करना पड़ता है।


    इनका कहना है

    मंडीबोर्ड के नियम अनुसार ही हम मंडी का संचालन कर रहे हैं, किसान अपनी उपज के पास ही रहता है वह उपज छोड़कर कहीं नहीं जाता है, अब मंडियों में तुरंत ही उपज बिक जाती है, इसलिए विश्राम भवन की आवश्यकता नहीं पड़ती, विश्राम भवन कैंटीन संचालक को ठेके पर दिया गया है।

    नरेन्द्र मेश्राम, सचिव कृषि उपज मंडी सीहोर

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