एमपी बजट 2023-24ः प्रदेश के किसानों के लिए क्या है खास और आम... जाने...
डॉ अनवर खान, एमके न्यूज़
भोपाल। इस बार प्रदेश के किसानों को सरकार ने आम बजट में क्या दिया है। इसके बारे में आइये विस्तार से जाने। मध्यप्रदेश सरकार ने अपने आम बजट में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर को विशेष रूप से ध्यान में रखा है। बजट भाषण में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि हमने इसे मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर के साथ-साथ "मिलेट्स मिशन" मानएंगी। इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान रखा गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा आम बजट पेश किया गया. उन्होंने सरकार और बजट की उपलब्धियों को गिनाते हुए बजट पेश किया. जिसमें उन्होंने समृद्ध किसान, समृद्ध मध्यप्रदेश की अवधारणा को साकार बताते हुए, प्रदेश के किसानों के लिए बजट को उपयोगी बताया. इसमें उन्होंने प्रदेश के ऐसे किसान जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं एवं खाद और बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं, उनकी बकाया राशि पर ब्याज का दायित्व सरकार द्वारा लिए जाने का प्रस्ताव इस बजट में रखा गया है.
साथ ही सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर किस कृषिको के ऋण पर ब्याज की राशि का दायित्व सरकार द्वारा वहन किए जाने का अलग से प्रस्ताव बजट में शामिल किया गया है. साथ ही इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे. इसके लिए से वर्ष 2022-23 एवं वर्ष 2023-24 में कुल 2500 करोड़ का बजट में प्रावधान है. प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लेखों एवं अन्य दस्तावेजों का कंप्यूटरीकरण व्यापक स्तर पर किया जा रहा है. जिससे किसानों को पारदर्शी एवं आसान प्रक्रिया के माध्यम से ऋण प्राप्त हो सके. इसके लिए वर्ष 2023-24 हेतु 80 करोड़ का अलग से प्रावधान बजट में प्रस्तावित है.
अनुसूचित जाति एवं जनजाति किसानों के लिए बजट
अनुसूचित जाति एवं
जनजाति के 1 हेक्टर तक भूमिहार को व 5 हॉर्स पावर तक के विद्युत पंप उपयोग कर रहे लगभग
975000 किसानों को निशुल्क विद्युत आपूर्ति अटल कृषि ज्योति योजना अंतर्गत 10 हॉर्स
पावर तक के 2360000 किसानों तथा 10 हॉर्स पावर से अधिक के लगभग 55000 किसानों को ऊर्जा
प्रभावों में सब्सिडी दे रही दी जा रही है. 5 हॉर्स पावर के कनेक्शन पर प्रत्येक किसान
हेतु 54650 की विद्युत खपत के विरुद्ध अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 हेक्टर तक भूमि
धारा किसानों को निशुल्क एवं अटल कृषि ज्योति योजना के अंतर्गत आने वाले कृषि उपभोक्ताओं
से मात्र 3750 लिया जा रहा जाता है. इस प्रकार 10 हॉर्स पावर के कृषि उपभोक्ताओं से
प्रत्येक किसान हेतु 115505 की विद्युत खपत के विरुद्ध मात्र 7583 ली जाती है. इस हेतु
वर्ष 2022 23 में लगभग 13000 करोड़ का भुगतान प्रस्तावित बजट में रखा गया है.
सीएम किसान कल्याण योजना हेतु 3200 करोड़ का बजट
प्रदेश के 80 लाख से अधिक किसानों को प्रति किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि के अंतर्गत 6000 तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत 4000 इस प्रकार कुल 10,000 की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना अंतर्गत 3200 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है. वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए बजट में कहा है कि किसान अपनी उपज के विक्रय के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने सके. हमारा प्रदेश देश में एकमात्र राज्य है, जिसने फॉर्म गेट ऐप के माध्यम से किसानों को अपने घर अपने खलिहान गोदाम से अपनी कृषि उपज अपने दाम पर विक्रय करने के लिए सक्षम बनाया है. इस सुविधा का उपयोग करते हुए वर्ष 2022 में 12012 किसानों के द्वारा 50 लाख क्विंटल कृषि उपज का विक्रय किया गया है.
जैविक एवं प्राकृतिक खेती के लिए बजट
देवड़ा ने कहा कि सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती के विस्तार एवं संवर्धन के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि बोर्ड के माध्यम से 72967 किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन कराया गया है. बाजार की मांग पर आधारित फसलों के उत्पादन हेतु प्रेरित करने तक निर्यात को बढ़ावा देने वाली एवं आयात को प्रतिस्थापित करने वाली फसलें यथा दाने, तिलहन, मसाले, औषधि सुगंधित तेल आदि की फसलों के विविधीकरण हेतु फसल विविधीकरण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत लगभग 11000 एकड़ क्षेत्र में वैकल्पिक फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
मिलेट्स मिशन हेतु विशेष बजट
वित्त मंत्री ने
अपने बजट भाषण के दौरान सदन को अवगत कराते हुए कहा है कि भारत सरकार की पहल पर संयुक्त
राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स घोषित किया है. भारत सरकार
ने मिलेट्स मोटे अनाज को "श्री अन्न" की संज्ञा देकर इसकी महत्ता को प्रतिपादित किया है.
इन पोषक मान के खाद्यान्नों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, सवां , ज्वार, बाजरा आदि फसलों की उत्पादकता
में वृद्धि एवं मूल संवर्धन से किसानों के आर्थिक समृद्धि में सुधार होगा. उन्होंने
कहा है कि हमारी सरकार ने मिलेट्स उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश
राज्य में मिलेट मिशन प्रारंभ किया है.
मुख्यमंत्री कृषक
उपार्जन सहायता योजना अंतर्गत 1000 करोड़ का बजट में प्रावधान प्रस्तावित है. किसानों
को प्राकृतिक आपदाओं से अपनी कृषि की सुरक्षा एवं उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री फसल
बीमा योजना अंतर्गत सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जा रहा है. इस हेतु राशि 2000 करोड़ की
व्यवस्था की जा रही है.
गौशालाओं का बजट
ग्रामीण कृषक अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार देने में पशुपालन की महती भूमिका है. गौ संवर्धन के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना लागू है. मध्यप्रदेश में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा 627 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना अंतर्गत 3346 गौशालाओं के निर्माण स्वीकृत है. जिसमें निर्माण पूर्ण कर 1135 संचालित हो चुकी है. इनको शालाओं के संचालन के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है.
मुख्यमंत्री दुधारू
पशु प्रदाय कार्यक्रम के अंतर्गत दुधारू पशु उपलब्ध कराए जाएंगे. हितग्राही अंशदान
को 10% किया गया है. प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को निरंतर बढ़ाया जा रहा है. देश में
हमारा प्रदेश में प्रथम तीन स्थानों में आ चुका है. प्रति व्यक्ति उत्पादकता में भी
हमारे प्रदेश की औसत राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
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