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    भंडारण, मूल्यसंवर्धन एवं विपणन प्रणाली पर दो दिवसीय कार्यशाला


    भोपाल . भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल द्वारा संस्थान में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन “लघु एवं सीमांत कृषकों हेतु कृषि व्यवसाय में कृषि उपज के प्रसंस्करण, भंडारण, मूल्यसंवर्धन एवं विपणन में नवीन विकास” विषय पर किया गया। राष्ट्रीय  भोपाल  कार्यशाला किसानो, छात्रों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योगों के लिए कृषि प्रौद्योगिकी और कृषि के सभी पहलुओं पर अपने अनुभवों और शोध परिणामों को एक स्थान पर एकत्रित करना था। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में कुल सात सत्र में भंडारण, मूल्यसंवर्धन एवं विपणन तथा इनकी प्रणालियों पर किसानों, एफपीओ और सीबीओ के अनुभव, एवं वैज्ञानिक अनुसंधान और अनुभव पर 52 शोधपत्र प्रस्तुत किए गये। 

    इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सी. आर. मेहता, निदेशक द्वारा कि गयी, जिन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण, मूल्यसंवर्धन होकर विपणन होगा तो इससे कृषको को अधिक लाभ और सम्मान मिलेगा। राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रतिवेदन डॉ. सरोज कुमार गिरी, प्रधान वैज्ञानिक व प्रभागाध्यक्ष, एपीपीडी द्वारा किया गया। श्री वी. भागैया जी, कार्यक्रम विशेष अतिथि, ने कहा कि परस्पर विश्वास, आत्मीयता एवं एकता द्वारा ग्राम केंद्रीत कृषि कार्य करने से संतुलित वातावरण निर्मित होगा। डॉ. गजानन डांगे, अध्यक्ष, योजक संस्था, पुणे द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला की मुख्य बिन्दु एवं अनुशंसाएँ प्रस्तुत की गई। डॉ. गजानन डांगे ने स्थानीय क्षेत्र में क्षेत्र द्वारा गोदाम, स्वदेशी मॉल, इ-नाम मंच तथा उत्पाद स्वप्रमाणिकरण के साथ उत्पाद विवरण संकलन/पुष्टि करने की आवश्यकता पर बल दिया। संस्थान में कृषि तकनीकों / मशीनो की प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी जिनका किसानो ने एवं प्रतिभागियों ने कार्यक्रम के अंत में अवलोकन किया I अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री नवल रघुवंशी, अक्षय कृषि परिवार भुज, गुजरात द्वारा प्रस्तुत किया गया।


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