हरदा में किसानों के साथ मनमानी,मंडी और प्रशासन इसे क्या मानेंगे
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हरदा. टिमरनी मंडी में दिनांक १९ सितंबर को एक अनोखा वाकया हुआ। हुआ ऐसा कि किसान की ट्राली का मोलभाव लगभग ढाई बजे हुआ। तोर कांटा पर तौर कराकर संबंधित व्यापारी के यहां ट्राली कराने किसान पहुंचा। काफी इंतजार ने कहा ट्राली यहां खाली नहीं होगी मंडी प्रांगण के बाहर गोदाम ले जाना है। किसान ने कहा स्थान मालूम नहीं तो कहां हम आदमी साथ देते हैं। इंतजार करने के बाद आदमी नहीं दिया। मंडी गेट पर व्यापारी के गोदाम की जानकी ली। फिर ट्राली गंतव्य तक पहुंची। इसके पहले वहां भादूगांव की ट्राली मजदूर से खाली हो रही थी। दुसरे किसान की ट्राली टीनशैड में खड़ी थी। इतने में वहां का कर्मचारी ट्राली के पास आया बोला ट्राली ले चलो किसान ने कहा जगह नहीं है उस ट्राली को निकल जाने दो। कर्मचारी बोला उधर गोशाला तरफ से घुमाकर ले आंखों तब तक वह उधर से निकल जाएगी। यह प्रक्रिया हो रही थी।
ट्रेक्टर ट्राली शेड में अंदर कर रहे थे तो शेड का टिंन ट्रेक्टर के मूड में फंसे गया। ट्रेक्टर को पीछे लिया कर्मचारी ने लकड़ी से टीन उठाया और आधी ट्राली भीतर आधी बाहर थी इतने में प्रकृति आगे आती और एकदम से तीन मिनट के लिए जोर से बारिश आ गयी ।टीन होने से पानी की तेज धार पीछे गिरा। इसके बाद कश्रमचारी कहने लगा कि अब मार नहीं लेंगे गेहूं भींग ग्रे। किसान ने कहा भाव और तौल के तीन घंटे से अधिक हो चुके आप लोग इधर उधर कराते रहे। यदि समय पर ट्राली खाली करा देते तो यह सिथति नहीं बनती इसमें किसान का क्या दोष है। आखिरकार सेठ से बात हुई की भींगे गेहूं नहीं लेगें सूखे ले सकते हैं ।ऐसी स्थिति में किसान क्या करता देर सांयकाल में यह करना पड़ा। यह। कोई किसी की शिकायत नहीं है यह एक किसान की पीड़ा है। मंडी प्रशासन और सरकार किसान की पीड़ा समझे और अन्य किसान के साथ ऐसा बर्ताव घटना न हो ऐसी समीचिन व्यवस्था निश्रधारित हो।
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