स्व सहायता समूह ने पीएम के स्वागत में रचा इतिहास
स्व सहायता समूह की बहनों ने अपने हाथों से बनाई जैकेट की पीएम को भेंट
समूह की बहनों ने गिनाई अपनी उपलब्धियां
भोपाल. श्योपुर जिले के कराहल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का वृहद सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें एसएचजी की हजारों महिला-सदस्यों व सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों ने भाग लिया, जिन्हें दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कुनो राष्ट्रीय अभयारण्य में नामीबिया से चीते बुलाकर ऐतिहासिक सौगात देकर श्योपुर सहित चंबल-ग्वालियर अंचल के सभी लोगों का गौरव बढ़ाया है।
इस अवसर पर मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है। जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, उस क्षेत्र में, उस कार्य में सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान की सफलता इसका बेहतरीन उदाहरण है, जिसको महिलाओं ने नेतृत्व दिया है। म.प्र. में पंचायत चुनावों में 17 हजार महिलाएं विजयी हुई है, ये बड़े बदलाव का संकेत हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 8 वर्षों में एसएचजी सशक्त बनाने में हमने हर प्रकार से मदद की है। आज पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बहनें इस अभियान से जुड़ी हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक बहन इस अभियान से जुड़े। श्री मोदी ने कहा कि गांवों की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। 'वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट' के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। सितंबर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पोषक-अनाज वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।
मोदी ने कहा कि देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर सरकार ने उनका जीवन आसान बनाया है। वर्ष 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। श्री मोदी ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है। हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं। प्रधानमंत्रीजी ने कहा कि मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है, मुझे कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला है।
इस अवसर पर मैंने स्वागत भाषण में कहा कि श्योपुर छोटा जिला है लेकिन प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है। आज सबके लिए प्रसन्नता की बात है कि वनाच्छादित इस परिक्षेत्र में गरीब-किसान-महिलाओं से मिलने दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता मोदीजी पधारे और आजादी के अमृत महोत्सव में आज चीतों की बहुत बड़ी सौगात दी है। बरसों पहले यहां के गांवों के लोगों को अभयारण्य बनाने के नाम पर विस्थापित कर दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी से मैंने श्योपुर पधारने का आग्रह किया था, तब मोदीजी ने कहा था कि वे चीतों के साथ ही श्योपुर पहुंचेंगे। आज इंतजार की घड़ियां समाप्त हो गई और मोदीजी ने कुनो में चीतों का पुनर्स्थापन कर दिया। जब चीते कुनो लाने की कल्पना प्रधानमंत्रीजी के मन में आई, तब कुनो के माध्यम से इस पूरे क्षेत्र को और प्रतिष्ठा दिलाने का भाव उनमें था, आज इसके पूर्ण होने से श्योपुर का घर-घर उल्लास से भरा हुआ है। ग्वालियर चंबल संभाग सहित देशभर के लोग कुनो में चीतों के आगमन पर प्रसन्नता से झूम रहे है। पीएम द्वारा चीता सेंचुरी का प्रारंभ हम सबके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्दा मोदी जी को उनके जन्मदिन पर क्षेत्र की जनता की ओर से बधाई देता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि प्रभु आप पर आशीर्वाद की वर्षा करे, आपको ऐसा सामर्थ्य और शक्ति दे कि आने वाले कल में जब भारत की आजादी 100 वर्ष की हो तो भारत विश्व गुरु के पथ पर अधिष्ठित हो।
इस क्षेत्र में सहरिया आदिवासियों की बड़ी संख्या है, जो जीवन में बदलाव का इंतजार कर रहे थे, यह साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गरीबों के जीवन स्तर में बदलाव लाने का काम किया जा रहा है, उन्हें कुपोषण से उबारा गया है। एक हजार रु. प्रतिमाह आदिवासी बहनों को देने से भी लाभ हुआ है। प्रदेश में एसएचजी के लाखों सदस्य हैं, वहीं देश में 74 लाख से ज्यादा एसएचजी काम कर रहे हैं। श्योपुर की बहनें बड़ी संख्या में एसएचजी से जुड़ी हुई है। कोविड से निपटने के लिए सबने सामर्थ्य अनुरूप सहयोग के हाथ आगे बढ़ाएं, तब श्योपुर की बहनों ने 50 हजार ली. सैनेटाइजर के साथ ही बड़ी संख्या में मास्क व पीपीई किट बनाने का काम किया। बहनों ने सार्वजनिक रसोई चलाई और गांवों में आशा कार्यकर्ताओं व आंगनवाड़ी बहनें भी काम करती रही।
कार्यक्रम में पीएम ने प्रतीक स्वरूप दो बहनों को विविध योजनाओं में क्रमशः 10 लाख रु. का चेक व किट प्रदान किया। साथ ही, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए 4 कौशल केंद्रों का उद्घाटन भी किया।
साभार: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की फेसबुक वॉल से
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