आईएसएसएस भोपाल चैप्टर ने 14वां डॉ. एन.पी. दत्ता स्मृति व्याख्यान आयोजित किया
डॉ अनवर खान, एमके न्यूज़
भोपाल. भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी (आईएसएसएस) के भोपाल चैप्टर ने 1 अक्टूबर 2025 को आईसीएआर-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थानa में "भारत में मृदा विज्ञान शिक्षा के उभरते अवसर" विषय पर 14वां डॉ. एन.पी. दत्ता स्मृति व्याख्यान आयोजित किया। यह व्याख्यान प्रसिद्ध मृदा वैज्ञानिक, डॉ. चौ. श्रीनिवास राव, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-आईएआरआई), नई दिल्ली द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। वक्ता का स्वागत आईसीएआर-आईआईएसएस के निदेशक और भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी (बीसी-आईएसएसएस) के भोपाल चैप्टर के संरक्षक डॉ. एम मोहंती ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। आईसीएआर-आईआईएसएस के निदेशक और भोपाल चैप्टर आईएसएसएस (बीसी-आईएसएसएस) के संरक्षक डॉ. मनोरंजन मोहंती ने वक्ता का स्वागत किया। बीसी आईएसएसएस के सचिव डॉ. असित मंडल ने डॉ. एन. पी. दत्ता स्मृति व्याख्यान श्रृंखला का परिचय दिया और बीसी आईएसएसएस के उपाध्यक्ष डॉ. एन. के. लेंका ने आमंत्रित वक्ता का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। डॉ. मोहंती ने मृदा विज्ञान अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार में डॉ. राव के विपुल योगदान और विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए विज्ञान को किसान केंद्रित समाधानों में बदलने में उनके नेतृत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. चौ. श्रीनिवास राव ने "भारत में मृदा विज्ञान शिक्षा के उभरते अवसर" पर व्याख्यान दिया। उन्होंने मृदा विज्ञान अनुसंधान के नए आयामों पर जोर दिया इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए, पाठ्यक्रमों के आधुनिकीकरण, अंतःविषय रणनीतियों को बढ़ावा देने, अनुसंधान में निवेश करने, स्कूली शिक्षा में मृदा पाठ्यक्रम को शामिल करने, बहु-हितधारक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, मृदा प्रदूषण प्रबंधन, उद्यमिता विकास, मृदा नीति और शहरी कृषि पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को मृदा विज्ञान शिक्षा और संबंधित क्षेत्रों में अपने ज्ञान को बढ़ाने का अवसर प्रदान किया। यह एक अत्यंत प्रेरक व्याख्यान था जिसने मृदा विज्ञान अनुसंधान और शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में छात्रों और शिक्षकों की रुचि जगाई। कार्यक्रम का समापन आईएसएसएस के भोपाल चैप्टर के कोषाध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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