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    प्रदेश में लम्पि बीमारी से 7114 पशु प्रभावित में से 81 की मृत्यु


    पशु मालिकों को चिंता करने की जरुरत नहीं विभाग सजग है

     पीएस राजपूत, ब्यूरो प्रमुख एमके न्यूज

    हरदा। देश में गोवा गुजरात हिमाचल प्रदेश हरियाणा राजस्थान महाराष्ट्र मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश उत्तराखंड अंडवार निकोबार एवं जम्मू कश्मीर में पशुओं में लम्पि स्कीन  बीमारी के प्रारंभिक लक्षण  मिलने के बाद भारत सरकार के आयुक्त पशुपालन डा प्रवीण मलिक द्वारा देश के सभी राज्यों के पशुपालन विभागों को इस बीमारी के बचाव एवं इलाज की गाइड लाइन एडवायजरी जारी करने के बाद मध्यप्रदेश का पशुपालन विभाग भी सजग हो गया है।

     संचालक डा आर के मेहिया ने संभाग जिला अधिकारियों को परिपत्र में बताया कि लम्पि स्कीन बीमारी पशुओं की एक वायरल बीमारी है जो पाक्सवायरल द्वारा पशुओं में फैलती है। यह रोग पशुओं में मच्छर के काटने मक्खी  एवं टिप्स से एक दूसरे पशु में फैलती है। रोग के आरंभ में पशुओं को हल्का बुखार जो दो_ तीन दिन रहता है। इसके। बाद पशु के शरीर की चमड़ी में गठाने निकल आती है जो बाद में मसल्स की गहराई तक। पहुंच जाती है। पशुओं के लिंफजोड पैरों में सूजन दूध उत्पादन में कमी गर्भपात बांझपन और कभी कभी मृत्यु हो जाती है। यद्यपि संक्रमित पशु दो तीन सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा जारी परिपत्र में प्रदेश के पशुपालकों को इस पशु बीमारी की सुरक्षा और बचाव के उपाय भी सुझाए हैं जिसके अनुसार संक्रमित पशु को स्वस्थ पशु से अलग रखा जाय संक्रमित क्षेतर में वेक्टर मक्खी मच्छर की रोकथाम हेतु पर्याप्त ,सफाई जीवाणु विषाणु नानक का छिड़काव किया जाय।

    डा मेहिया ने अपने  संभाग जिला एवं क्षेतरीय अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि वे जिले में ग्रामीण स्तर पर सत्य निगरानी रखकर इस बीमारी की रोकथाम के लिए आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाय किए जाय.

    एमके न्यूज द्वारा प्रदेश भर में इस पशु बीमारी की स्थिति के बारे में आपने बताया कि उज्जैन संभाग के रतलाम उज्जैन नीमच मंदसौर अगर मालवा शाजापुर इंदौर संभाग में खंडवा इंदौर झाबुआ धार बुरहानपुर अलीराजपुर खरगौन बड़वानी भोपाल संभाग में बैतूल हरदा राजगढ़ नर्मदा पुराम एवं ग्वालियर संभाग केसिंग मुरैना श्योपुर जिलों के ग्रामों में आ, पशु बीमारी को देखा गया है।

    आपने आगे बताया कि इस दौरान बीमारी से प्रभावित ७११४ पशुओं में से ४९९२ के स्वास्थ में सुधार है जबकि ८९पशुओं की मृत्यु  हुई है। डा मेहिया द्वारा यह भी जानकारी दी कि विभाग ने प्रभावित क्षैतरों में२३३८५० पशुओं में प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा चुका है। प्रदेश मैं पशुचिकितसा विभाग के पशु-चिकित्सक  सहायक पशु चिकितसा क्षेतर अधिकार प्रभावित स्थानों में लगातार भ्रमण कर पशुपालकों को रोग एवं बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। पशुपालकों को चिंता करने की जरुरत नहीं प्रदेश का पशुपालन विभाग सजग है।

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