एमपी: प्रधानमंत्री फसल बीमा मुआवजा में गड़बड़झाला!
- किसानों ने लगाया कम मुआवजा देने का आरोप
- 5000 की जगह दिया 1500 रुपए मुआवजा
- किसानों ने कहा सही मुआवजा नहीं मिला तो आंदोलन करेंगे
- बीमा कंपनी ने किया छलावा, लिस्ट में हेराफेरी
डॉ. अनवर खान की ड्राउंड रिपोर्ट, एमके न्यूज
मध्य प्रदेश। हाल ही में मध्यप्रदेश में फसल बीमा मुआवजा वितरण कार्यप्रणाली में सरकार की तरफ उंगलियां उठनी शुरू हो गई है। किसानों का कहना है कि बीमा मुआवजा राशि दिए जाने में बड़ी गड़बड़ियां हो रही है। जितनी राशि का बीमा हमने कराया है। मुआवजा उससे बहुत ही कम आया है। इसे देखते हुए बीमा कराने का कोई ओचित्य उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। इस मामले में जिन जिलों में अभी तक राशि किसानों के खाते में आई है उन पर एक ग्राउंड रिपोर्ट गौर से पढ़े।
समिति में पहुंचकर किसानों ने लगाई आपत्ति
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कम मुआवजा राशि मिलने पर किसानों में आक्रोश है। पीपलखेड़ा के किसानों ने सहकारी समिति पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री फसल बीमा कि जो राशि वितरण की गई है, उसमें किसानों के साथ भेदभाव किया गया है। 5000 की जगह किसी को 1500 रुपए तो किसी को 1700 रुपए मिले हैं, जिसको लेकर किसानों में भारी आक्रोश है।
बीमा क्लेम पांच हजार बना था मगर 1500 सौ दिए
किसानों का कहना है कि उनका नुकसान का प्रतिशत 75% के हिसाब से फसल का नुकसान हुआ था, लेकिन जब उनको 2 साल बाद बीमा राशि प्राप्त हुई है तो किसानों का कहना है कि यह राशि उनके नुकसान के हिसाब से नहीं मिली है। किसानों का कहना है कि यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर दी गई है। किसानों ने आरोप लगाया कि बीमा क्लेम की लिस्ट में फेरबदल किया गया है। उनका जो नुकसान हुआ था, उसका 5 हजार रुपए बीघा का बीमा क्लेम बना था, लेकिन अब उनको 1500 रुपए से लेकर 1700 रुपए का क्लेम मिल रहा है, जिसको लेकर किसानों में काफी नाराजगी है।
बीमा कंपनी के लोगों से किसान कर रहे संपर्क
किसानों का कहना है कि अगर सही जांच करा कर उनको बीमा राशि प्राप्त नहीं हुई तो जिला स्तर पर ज्ञापन देंगे। इसके बाद भी समाधान नहीं हुआ तो चक्काजाम करने को विवश होंगे। वहीं, जब कुछ किसानों ने बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो अब वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। वह बोल रहे हैं कि उन्हें कुछ इस विषय में मालूम नहीं है।पीपल खेड़ा के कृषक अमित बैरागी, रामबाबू मीणा, सरपंच शैलेश राय, भगवान सिंह धाकड़, संतोष दागी, बलवीर सिंह दांगी, राजेश यादव का कहना है कि किसानों के साथ हमेशा ही सरकार भेदभाव की नीति अपनाती है। उन्होंने कहा - हमारी मांगों पर गंभीरता से अपना विचार नहीं किया गया तो हम सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को विवश होंगे।
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