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    भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भेापाल मे 47 वॉ स्थापना दिवस का किया आयोजन


    डॉ अनवर खान, एमके न्यूज

    भोपाल। भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय केन्द्रीीी कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भेापाल द्वारा 47 वॉ स्थापना दिवस का आयोजन आज संस्थान प्रांगण में किया गया। इस तत्वाधान में केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक, डॉ. सी आर मेहता ने सभी गणमान्यों का स्वागत किया एवं कृषि अभियांत्रिकी प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता तथा राष्ट निर्माण मे इसकी भूमिका के बारे में बताया। उन्होने यह भी वर्णन किया कि संस्थान ने कृषि मषीनरी,कृषि प्रसंस्करण,संरक्षित खेती,सूक्ष्म सिंचाई, ड्रोन प्रौद्योगिकी, और रोबोटिक्स इत्यादि में अत्यधिक योगदान दिया है। उन्होंने विगत वर्षों में संस्थान द्वारा विकसित मशीनों एवं तकनीकियो का विवरण भी दिया। डॉ.एस.एन.झा,उप.महानिदेशक(कृषि अभि.)भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्,नई दिल्ली इस सत्र के अध्यक्ष थे। केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भेापाल का कृषि एवं देश निर्माण मे भूमिका पर प्रकाश डाला।संस्थानको सर्वश्रेष्ठ संस्थान पुरस्कार के लिए बधाई भी दिया। उनके उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान प्रौद्योगिकियों के योगदान से कृषि के आधुनिकरण से देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता प्रदान कर सकता है। संस्थान मे विकसित तकनीकियो के प्रचार तथा प्रसार पर विशेष ध्यान देने पर जोर डाला।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि यांत्रिकीकरण कृषि क्षेत्र के सतत विकास के लिए ऑटोमेशन एक प्रमुख कारक शाबित हो सकता है। डॉ. कंचन कुमार सिंह, सहायक महानिदेशक (कृषि अभि.,)भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्,नई दिल्ली ने संसाधन उपयोग दक्षता में वृद्धि के लिए कृषि इंजीनियरिंग आदानों के महत्व पर प्रकाष डाला। 

    डॉ.एस.एन.झा,उप.महानिदेशक(कृषि अभि.) ने सी.आई.ए.ई (क्षेत्रीय केंद्र),कोयंबटूर में ऑनलाइन विधि द्वारा परीक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। श्री शैलेंद्र शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य बिजली कंपनियां, मुख्य वक्ता रहे तथा उन्होंने प्रो. ए.सी पांड्या स्मृति व्याख्यान मे सबको संबोधित किया। आपने अपने व्यख्यान मे सौर ऊर्जा संयंत्र का गांव में गरीब लोगों के लिए सतत विकास और विकास के लिए ऊर्जा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।सौर ऊर्जा संयंत्र, अखाद्य बीज का उपयोग कर जैव ईंधन उत्पादन, उच्च क्षमता वाले बायोडीजल संयंत्र की स्थापना, सौर मॉड्यूल निर्माण में अपना योगदान साझा किया

    इस अवसर पर निदेशक,आईसीएआर- सीफेट लुधियाना, निदेशक आईसीएआर- निनफेट कोलकाता, निदेशक आईसीएआर- निदेशक आई.आई.येन.आर.जी, रांची, निदेशक आईसीएआर-निषाद और निदेशक, आईसीएआर- सिरकाट मुंबई उपस्थ्ति थे। उन्होने  भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी बधाई के साथ इसके महत्व को भी बताया। इस सत्र का संचालन डॉ. उदय बडेगावाकर,प्रधान वैज्ञानिक एवं विभाग प्रमुख, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ने किया। स्थापना दिवस के दूसरे सत्र का संचालन तथा उपस्थित मुख्य अतिथि आगंतुको का स्वागत डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी,प्रधान वैज्ञानिक ने किया। सत्र के मुख्य अतिथि श्री राजीव चौधरी,निदेशक, कृषि अभियांत्रिकी निदेशालय, म.प्र थे। मुख्य अतिथि श्री राजीव चौधरी ने संसथान को बधाई दिया तथा संस्थान द्वारा विकशित तकनीकी तथा इसकी कृषि मशीनीकरण मे उपयोगिता पर प्रकाश डाला।

     इस सत्र मे संस्थान मे 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। इस समारोह में कोरोना योधा जो कोविद महामारी के सभी महीनों के दौरान संस्थान को  आवश्यक जाच,टीकाकरण, चिकित्सा तथा सम्बंधित उचित सुझाव उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा सराहनीय योगदान दिया को भी संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया। उपस्थित मीडिया एवं पत्रकार बन्धुओ को भी उनके सराहनीय कार्य के लिए सम्मनित किया गया।श्री कुमार राजेश, मुख्य प्रसासनिक अधिकारी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

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