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    देवास जिले के इन गांवों में नेताओं का प्रवेश निषेध, लगाएं होर्डिग्स


    सिंचाई परियोजना से वंचित किसान, एकजुट हो रहे गांव-गांव



    ग्रामीणों ने लगाए बोर्ड, परियोजना का लाभ नहीं तो वोट नहीं   

    रामहेत पवार, एमके न्यूज

    देवास। जिले के कन्नौद एवं खातेगांव तहसील के तकरीबन चार दर्जन गांवों में पेयजल एवं सिंचाई संकट गहराया हुआ है। किसानों एवं ग्रामीणों का कहना है कि हमारे जिले एवं तहसील से का नर्मदा जल अन्य जिलों में पाईपलाइन से कई-कई किलोमीटर ले जाया जा रहा है पर हमें इसके लाभ से वंचित रखा जा रहा है। इसी समस्या को लेकर खातेगांव एवं कन्नौद तहसील के किसान संगठित होकर नर्मदा लिफ्ट इरिगेशन सिंचाई परियोजनाको लेकर गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक कर संगठन बना रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि लिफ्ट इरीगेशन की स्वीकृति नहीं दिलाने पर चुनाव का बहिष्कार कर उम्मीदवारों एवं पार्टी के नेताओं को गांव में प्रवेश निषेध कर दिया गया जाए। ताकि उन्हें पता चले और हमारी समस्याओं का निराकरण तत्काल करें।


    हमारे खेतों से जा रहा पानी लेकिन हम वंचित

    क्षेत्र के किसनों का कहना है कि हमारी तहसील से हमारे ही खेतों से पाइपलाइन के माध्यम से खुदाई हो कर पाइपलाइन बिछाई जा रहा है और हमारे खेत बर्बाद हो रहे है। यह पानी दूसरे जिले जैसे सीहोर, इंदौर, उज्जैन सहित कई जिलों में जा रहा है लेकिन हम लोगों को इस पानी से वंचित रखा जा रहा है। जो सरकार और प्रशासन की घोर अनदेखी है।


    सीएम और कलेक्टर को ज्ञापन

    इस योजना से वंचित संपूर्ण किसान और ग्रामवासी एकजुट होकर और एक मंच के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और देवास जिले के कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौपेंगे।

    पूर्व सरपंच ने खोला मोर्चा


    क्षेत्र के किसानों को योजना के पानी से सिंचाई और पेयजल नहीं मिल पाने के कारण पूर्व सरपंच एवं किसान चंद्रसिंह सेंधव कोलारी एवं सैंकड़ों किसानों ने मोर्चा खोलकर किसानों को एकजुट एवं संगठित करना शुरू कर दिया है। वह इस विषय को लेकर सैंकड़ों प्रत्येक वंचित गांव-गांव जाकर किसानों एवं ग्रामीणों को एकजुट कर रहे हैं और सिंचाई परियोजना का लाभ उठाने के लिए सरकार, शासन और प्रशासन से मांग करने के लिए आवाज बुलंद करने के लिए आगे आने हेतु बातचीत कर रहे हैं। गांव-गांव में जाकर पानी नहीं तो वोट नहीं और जय जवान, जय किसान के नारे से अपनी मांग की आवाज को उठाने के लिए बता रहे है। 

    इन गांवों में पहुंचा आवाज बुलंद का मोर्चा


    मोर्चा अभी तक ग्राम ओंकारा, सातल,कौलारी, भिलाई, मोहाई, कुसमानिया, डावरी, नांदोन, आमला, बिक्रमपुर और मनोरा सहित एक दर्जन  से अधिक गांवों में जाकर किसानों को एकजुट कर चुका है। ग्राम पंचायतों में किसानों एवं ग्रामीणों के साथ मीटिंग कर चुका और और आगे लगातार यह काम जारी है।


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