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    भोपाल में वैज्ञानिक-कृषि यंत्र उद्योग समागम आयोजित


    भाकृअनुप-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल में वैज्ञानिक-कृषि यंत्र उद्योग समागम आयोजित

     भोपाल. भाकृअनुप-केंद्रीय कृषिअभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने 23 अगस्त 2024 को वैज्ञानिक-कृषि यंत्र उद्योग समागम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश और पंजाब के कृषि मशीनरी निर्माताओं और भाकृअनुप-सीआईएई, भोपाल के वैज्ञानिकों/अधिकारियों सहित 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

    डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भाकृअनुप-के.कृ.अभि.सं., भोपाल ने अपने भाषण में भारतीय कृषि के समग्र विकास के लिए कृषि मशीनीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला और कृषि मशीनरी विनिर्माण के क्षेत्र में नवाचार और बौद्धिक संपदा सृजन के लिए वैज्ञानिकों और उद्योग के बीच सहयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब के शिक्षाविदों और निर्माताओं के बीच सामाजिक और प्रौद्योगिकी नेटवर्किंग एक उदाहरण है जिसका अनुसरण किया जाना चाहिए और इसे अन्य राज्यों में कृषि मशीनरी विनिर्माण के आधुनिकीकरण के लिए अपनाया जाना चाहिए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रभाग के प्रभारी डॉ. यू.आर. बडेगांवकर ने नवविकसित मशीनीकरण प्रौद्योगिकियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कृषि मशीनरी निर्माता सीआईएई प्रौद्योगिकियों का लाइसेंस ले सकते हैं और नई मशीनीकरण प्रौद्योगिकियों की बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए जेम (GeM) पोर्टल के माध्यम से इसे सभी जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।

    ओम प्रकाश चौकसे, प्रोपराइटर, प्रकाश कृषि यंत्र उद्योग, भोपाल और अध्यक्ष, मध्य प्रदेश कृषि यंत्र निर्माता संघ ने निर्माताओं की महत्वपूर्ण समस्याआेंपर प्रकाश डाला और राज्य एवं केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयों द्वारा समाधान करने का आग्रह किया। संस्थान के प्रकाशन प्रभारी डॉ. मनोज कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिक्रिया के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान, एक सत्र कृषि मशीनरी के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर सुश्री अपर्णा पंढारकर, बौद्धिक संपदा विशेषज्ञ और भारतीय पेटेंट एजेंट, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दिया गया जो सभी प्रतिभागियां के लिए काफी ज्ञानवर्द्धक एवं लाभदायी रहा। तत्पश्चात मध्य प्रदेश और पंजाब दोनों राज्यों के वैज्ञानिकों और निर्माताओं के बीच विस्तृत चर्चा हुई। सभी निर्माताओं ने संस्थान की प्रयोगशालाओं का दौरा किया और नई कृषि इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकियों का अवलोकन किया। कार्यक्रम का समापन श्री बाबू भाई मिस्त्री, प्रभात कृषि यंत्र प्राइवेट लिमिटेड, सीहोर द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।


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