मजदूर की बेटी ने सरकारी स्कूल से 80% से पास की 12वीं कक्षा
वेल्डिंग- मजदूर एवं गांव की बेटी को सलाम...
80% से पास की 12वीं, सरकारी स्कूल में अव्वल
बिना कोचिंग, घर में खुद पढ़ाई कर हासिल की सफलता
रामहेत पवार, एमके न्यूज़
देवास/ खातेगांव: फिजा खान ने 12वीं कक्षा में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने गांव और खातेगांव तहसील का नाम रोशन किया. सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल खातेगांव से पढ़कर उसने यह सफलता हासिल की है. फिजा ने यह सफलता घर और स्कूल में पढ़ाई करके ही प्राप्त की, आर्थिक तंगी के चलते किसी भी प्रकार से कोई भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया.
गौरतलब है कि फिजा खान के पिता गैस वेल्डिंग का काम करते हैं और माता मजदूरी करती है. माता-पिता अनपढ़ हैं. दोनों अपना नाम तक नहीं लिख पाते हैं. वही बेटी ने बायोलॉजी संकाय से 80% अंक हासिल कर अपने माता-पिता और परिजनों का नाम रोशन किया है. इससे पहले फिजा ने दसवीं कक्षा 94 प्रतिशत से उत्तीर्ण की है. फिजा कहती है कि उसका सपना डॉक्टर बनने का है. वह डॉक्टर बनकर समाजसेवा करना चाहती है और गरीबों का मुफ्त इलाज करने की प्रबल इच्छा है. जहां अब 12वीं में अच्छे परिणाम आने के बाद उसे आगे उच्च शिक्षा में दाखिला मिलने से खुशी है वही अपने माता-पिता की आर्थिक तंगहाली से चिंतित भी है.
वही पिता रहुप खान का कहना है कि वे बेटी को आगे और भी पढ़ाएंगे. हम तो पढ़े लिखे नहीं हैं लेकिन जब बेटी को पढ़ाया तब हमें पढ़ाई की अहमियत समझ में आने लगी है. इसलिए अब चाहे उन्हें दिन-रात मजदूरी करना पड़े मगर वे बेटी को पढ़ने से नहीं रोकेंगे.
वही माता रुखसाना का कहना है कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. हम मजदूरी करते हैं परंतु हमने बेटी को यहां तक पढ़ाया है. 10 बाय 10 के एक ही कमरे में पति पत्नी और दो बच्चे रहते हैं. वह भी खुद का नहीं है मगर बेटी को आगे बढ़ाने की दिली तमन्ना है. रुखसाना के दो ही बच्चे हैं. बेटी फिजा और एक बेटा शाहरुख. फिजा ने अपने गांव का ही नाम रोशन नहीं किया बल्कि आसपास के एक दर्जन गांव से वह आजादी से अब तक की पहली लड़की है जिसने 12वीं कक्षा 80% से पास की है. फिजा और उसके माता-पिता को रिश्तेदार, गांव वाले और मिलने वाले बेटी की सफलता पर बधाई दे रहे हैं.
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