भा.कृ.अनु.परि-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल मेें राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
भोपाल. महिलाओं को उनके नेतृत्व कौशल एवं पोषण के माध्यम से सशक्त बनाना सामाजिक कल्याण के साथ-साथ महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। भा.कृ.अनु.परि-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान,भोपाल संयुक्त रूप से सॉलिडारिडैड, भोपाल के साथ कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र में सामूहिक आजीविका गतिविधियों को विकसित करने में सहायता और सुविधा प्रदान कर रहा है। इन उपलब्धियों को उजागर करने और इस विषय के बारे में तकनीकी जागरूकता लाने के लिए दोनों संगठन द्वारा, 16 सितंबर को केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान,भोपाल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ. ए.पात्रा, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएसएस मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने अपने संबोधन में सभी को इस अवसर पर बधाई दी। कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. सी. आर.मेहता, निर्देशक, ने किया तथा अपने उद्बोधन में कार्यशाला के उद्देश्य एवम महत्व को बताया। कार्यशाला में डॉ दीपिका अग्रहार मुरुगकर, प्रधान वैज्ञानिक ने कार्यक्रम की एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि देते हुए बताया की, केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान,भोपाल में "मध्य प्रदेश की कृषि महिलाओं के लिए पोषण की स्थिति में सुधार और रोजगार पैदा करने के लिए सोया और मल्टीग्रेन युक्त खाद्य उत्पादों के निर्माण तथा उपयोग पर एक परियोजना की जा रही है, जिसमें सोया और मल्टीग्रेन द्वारा विकसित स्नैक उत्पादों पर सीहोर जिले में महिला उद्यमियों का पोषण परीक्षण आयोजित किया गया था। इन उत्पादों को तैयार करने और बेचने के लिए महिलाओं के लिए एक प्रसंस्करण प्रशिक्षण और संसाधन केंद्र बिलकिसगंज, सीहोर में स्थापित किया गया है।
डॉ सुरेश मोटवानी-महाप्रबंधक, सॉलिडेरिडाड, भोपाल ने सॉलिडेरिडाड संस्थानऔर उनके कार्यों पर प्रकाश डाला। केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान,भोपाल और खलिहान किसान उत्पादक संगठन के चालक के बीच बहुपोशक बिस्किट, लडडू एवं नयूत्रीबार के लाइसेंसों पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान भी किया गया। मोनिक वान डी विजेर, गेस्ट ऑफ ऑनर, इनोवेशन मैनेजर हेल्थ, सॉलिडेरिडाड नेटवर्क, नीदरलैंड ने आईसीएआर-सीआईएई, सॉलिडेरिडाड और खलिहान किसान उत्पादक संगठनो को बधाई देते हुए कहा की शशक्त नारी ही समाज का उद्धार कर सकती है।
इस कार्यशाला में तकनीकी सत्र में प्रसंस्करण के क्षेत्र में अनुसंधान प्रगति पर आईसीएआर-सीआईएई एवं वनस्पति विज्ञान लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं अनुसंधान केंद्र ने की सम्बंधित विषय पर जानकारी दी। कार्यशाला मे उद्योग और शिक्षाविदों के साथ एक पैनल सत्र का भी आयोजन किया गया। डॉ. भूषण बाबू, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया।
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