बैतूल में आयोजित स्व-सहायता समूह सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उद्बोधन
एमके न्यूज़
भोपाल. ये धरणी, जिसको धरती मां कहते हैं धरती की शोभा अगर कहीं है तो यह सारणी में है। सारणी की महिमा न्यारी है।
अंग्रेज ढाई सौ साल तक हमको मुर्ख बनाकर हमारी मूल ताकत को छिपाते रहे। ये कहते थे, भारत में माता-बहनों को दक्षिण के हिसाब से उतना महत्व नहीं मिलता।मध्यप्रदेश की रानी दुर्गावती जी ने अकबर की सेना से युद्ध में दो-दो हाथ किए और एक-दो नहीं 51 युद्ध जीते। किसी कारण से जब आखिरी युद्ध नहीं जीत पा रही थी तो उन्होंने कहा मैं बहादुर पैदा हुई हूं, रानी दुर्गावती जी ने बहादुरी से 51 युद्ध जीते हैं और किसी कारण से एक युद्ध नहीं जीत सकी तो उन्होंने गुलामी पसंद नहीं किया और अपने हाथ में खंजर लेकर अपना बलिदान करके हमको गौरवान्वित किया। बुंदेले हर बोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी; झांसी की रानी ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए।
रानी लक्ष्मी बाई ने आखिरी सांस भी ली तो स्वतंत्रता के लिए और शरीर छोड़ा तो अंग्रेजों के मुंह पर थूकते हुए कहा, तुमने अपने काले कारनामों से अपने ताबूत पर आखिरी कील ठुकवा ली है।जब बेटी बहू बनकर आती है तो घर में कैसे स्वागत करते हैं इसका एक आदर्श उदाहरण अहिल्या माता का है।अहिल्या माता जब होलकर साम्राज्य में बहू बनकर आती है तो उनकी सास गौतमा बाई ने उस समय 18 करोड रुपए की राशि अपनी बहू के हाथ में देकर आशीर्वाद देती है।शासन के सूत्र संभालते हुए अहिल्या माता ने जब अपनी बहन-बेटियों की तरफ देखा कि महिलाओं के हाथ में कुछ है नहीं, गरीबी भयंकर है। तब अहिल्या माता ने महेश्वर से राज्य चलाते हुए दक्षिण भारत से कारीगरों को बुलाकर मालवा और निमाड़ की बेटियों को साड़ी बनाने का काम बुनकरों के माध्यम से कराया।लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने महेश्वरी साड़ी के कारखाने खुलवाएं।लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने नारी सशक्तीकरण के अद्भुत कार्य किए।लोकमाता अहिल्याबाई के बेटे ने अपराध किया तो अपने इकलौते बेटे को हाथी के पैरों तले दबवाकर न्याय का नया सिद्धांत बनाया।अहिल्या माता ने पत्नी धर्म निभाते हुए पहले पति का सम्मान किया लेकिन शासन के पैसे वह कहीं और उठा रहे थे तो उनसे छीनकर सरकारी खजाने में जमा करवाने का रिकॉर्ड अहिल्या महारानी ने बनाया।चुनाव के समय लाडली बहनाओं की राशि 1हजार थी, पिछले साल 1250 किए और आने वाले समय से इसे और बढ़ाते जाएंगे।
आप चिंता मत करना धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 5 साल में ₹3000 महीना दिया जाएगा।हमारी संस्कृति बहन बेटियों की संस्कृति है। आपका आशीर्वाद मिलता रहे हमारे लिए यही पर्याप्त है।बहनों के लिए स्कूल जाओ तो किताब-कॉपी फ्री, स्कूल दूर है साइकिल फ्री, मेरिट में नाम आए तो स्कूटी फ्री, विदेश में जाए तो छात्रवृत्ति, 1 लाख से लगाकर 1 करोड रुपए तक भी लगे तो भी सरकार देने के लिए तैयार है।बहनों की जिंदगी जितना अच्छा कर सकते हैं वह सारे काम करने के संकल्प हमने किए हैं।बहन बेटियों के सुहाग की तरफ देखने की नापाक हिम्मत अगर पाकिस्तान करेगा तो उसको घर में घुसकर फिर मारेंगे; यह मोदी जी का संकल्प है।सभी पार्टियों के साथ एकजुट होकर जिस प्रकार से मोदी जी ने दुनिया को जवाब दिया, तब जाकर भारत का महत्व बढ़ा।
* आज दुनिया की चौथी ताकत अगर कोई है तो वह भारत है।
* आज सारणी में लगभग 464 करोड़ के कामों का लोकार्पण हो रहा है।जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण ने लीलाए की और जहां-जहां भगवान राम वनवास काल में मध्य प्रदेश में आए हैं। उन प्रत्येक स्थान को हम तीर्थ के रूप में विकसित करने वाले हैं।1 करोड़ 27 लाख लाडली बहनाओं के हर खाते में 1250 रुपए डालते हुए, अभी तक 36 हजार करोड रुपए से ज्यादा की राशि आपके खाते में आई है।
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