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    मुस्लिम महिला कृषक ने जिला न्यायालय बनाने के लिए सरकार को दान की 10 करोड़ की जमीन


    •  हरदा जिला में नवीन जिला न्यायालय भवन बनाने के लिए मुस्लिम दंपत्ति शगुफ्ता खान पति अशरफ खान ने सरकार को दान में दी 5 एकड़ खेती की जमीन  
    • जिला न्यायालय के नवीन भवन के लिए मुस्लिम महिला ने दान की 10 करोड़ की जमीन
    • जल्द ही बनना शुरू होगा जिला न्यायालय का भवन 

    डॉ. अनवर खान, एमके न्यूज, नेटवर्क

    भोपाल/हरदा। कौन कहता है कि अब दानवीर पैदा होने बंद हो गए है। जी हां, एक मुस्लिम महिला दंपत्ति किसी दानवीर से कम नहीं है। इन्होंने अपनी 10 करोड़ कीमत रखने वाली खेती की जमीन को न्याय के मंदिर यानि जिला न्यायालय का भवन बनाने के लिए सरकार को यूंही दान कर दी है। कृषक शगुफ्ता खान पति अशरफ खान परसिटी कॉलोनी हरदा के रहवासी है। जिन्होंने बिना किसी शर्त के प्राइम लोकेशन वाली अपनी 5 एकड़ खेती की जमीन पर जिला न्यायालय हरदा का नवीन परिसर एवं भवन बनाने के लिए दान कर दी है। इसके लिए इन्होंने शासन-प्रशासन से एक रूपए मुआवजा भी नहीं लिया है और खुशी-खुशी राज भवन यानी जिला प्रशासन के नाम रजिस्टर दान पत्र के माध्यम से दान की है। जिसे बकायदा जिले के एसडीएम के नाम से दान किया है जिसकी 2 करोड़ 54 लाख रूपए राशि स्टॉम्प ड्यूटि के रूप में सरकारी खाते में जमा भी हुई है।

    इसलिए दान की है जमीन

    खान दंपत्ति को पता चला है जिला प्रशासन उनके खेत की जमीन के पास हाईवे इंदौर-बाम्बे एवं भोपाल क्रॉसिंग रोड पर जिला न्यायालय का नवीन भवन बनाने के लिए जमीन अधीग्रहण हेतु तलाश रहा है और इसके एवज में किसानों को भारी-भरकम मुआवजा भी देने वाला है। इस बात की खबर जब अशरफ खान को पता चली तो उन्होंने अपने परिवार में इस बात की चर्चा हुई। तभी परिजनों ने निर्णय लिया कि क्यों ना वह अपनी 25 एकड़ जमीन में से 5 एकड़ जमीन जिला न्यायालय बनाने के लिए बिना मुआवजे दे दे। उनका यह दान न्यायालय के मंदिर बनाने में एक छोटी सी मदद की तरह होगा। परिजन ने मिलकर तय किया कि उनका यह दान सब दान में अव्वल होगा और उन्होंने तत्काल फैसला कर किया। इसके बाद जिला कलेक्टर आदित्य सिंह से मिले और उनसे चर्चा की। कलेक्टर ने फौरन सरकार को जमीन दान देने का ऑफर स्वीकार कर लिया और इसके लिए एसडीएम कुमार शानू को उन्होंने जमीन को अधीग्रहण करने की जिम्मेवारी सौंप दी। 24 अक्टूबर 2024 को उक्त जमीन नियमानुसार खान दंपत्ति ने सरकार के नाम रजिस्ट्री कर दान कर दी है। इसके बाद उक्त दंपत्ति बहुत खुशी महसूस कर रही है।

    पैतृक खेती-किसान का कारोबार है दंपत्ति का  

    शगुफ्ता खान के पति अशरफ खान ने बताया कि वह पीड़ी-दर-पीड़ी हरदा के निवासी है। उनका पुश्तैनी कारोबार खेती-किसानी का ही है। उनके दादा-परदादा से किसानी का धंधा चलता आ रहा है। वह सक्षम और सफल किसान है। उनकी खेती की हरदा में बहुत सारी जमीन है जिसपर कृषि की जाती है। दोनों पति-पत्नी स्नातक पास है। अशरफ खान जमीन से जुड़े हुए किसान है उनकी सारी पढ़ाई लिखाई हरदा में ही हुई है। अपनी जन्मभूमि हरदा से खान को बहुत प्यार है।

     समाजसेवी का कार्य भी करते है खान

    वह समाजसेवा के रूप में और भी कई काम करते रहते है। जैसे कि किसी भी समाज की गरीब बच्चियों की शादियां कराने में आर्थिक रूप से मदद भी करते रहते है। इसके अलावा गरीबों के इलाज में भी जरूरतमंदों को सहयोग करते रहते है। हरदा जिले में उन्हें सब लोग समाजसेवी के रूप में भी जानते है।

    प्राईम लोकशन पर है उक्त जमीन

    जिस जमीन को खान दंपत्ति ने सरकार को दान में दी है। वह हरदा जिले की सबसे प्राईम लोकशन में स्थित है। यह जमीन इंदौर-बाम्बे एवं भोपाल-हरदा रोड़ के क्रॉसिंग के कॉर्नर की है। जिसकी वर्तमान में सरकारी कीमत तकरीबन 5 करोड़ वहीं इसका बाजारमूल्य करीब 10 करोड़ है। यहां पर 2 करोड़ रूपए जमीनों का भाव चल रहा है। इसके बावजूद कोई भी जमीन नहीं बेच रहा है।

    शगुफ्ता खान ने दान की है जमीन: कलेक्टर 

    हम जिला न्यायालय का नवीन भवन बनाने के लिए किसानों से उक्त स्थान की जमीन अधीग्रहण करने की चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान शगुफ्ता खान पति अशरफ खान मिलने आए और उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि हमारी जमीन अधीग्रहण होने वाली है। जिसपर न्यायालय का भवन बनेगा। हम किसानों को मुआवजा भी दिया जाएगा। मेरे हां कहने के बाद उन्होंने कहा कि आपको जितनी भी जमीन चाहिए ले सकते है। जिला न्यायालय बनाने जैसे अच्छे कार्य के लिए हम भी अपनी तरफ से जमीन को बिना मुआवजे के दान करना चाहते है। जिसे आप स्वीकार करे। यह बात सुनकर मैं पहले अचंभित हुआ और दोबारा मैंने पूछा कि आप क्या चाहते हो। खान दंपत्ति ने फिर कहा कि हम बिना मुआवजे के सरकार को जमीन दान करना चाहते है। यह हमारे लिए सौभग्य की बात होगी। अब उक्त जमीन को हमने शासन के नाम नियमानुसार कर लिया गया है। जल्द ही इस पर न्यायालय का भवन बनाने की कार्यवाही की जाएगी। सरकार को जमीन दान देने वाली दंपत्ति का बहुत बहुत धन्यवाद।

       आदित्य सिंह, कलेक्टर, हरदा

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